Rahu Kaal

Rahu Kaal

राहु काल को कई बार राहु कालम् या राहुकाल भी लिखा जाता है। जो लोग ज्योतिष के सिद्धान्तों में विश्वास करते हैं, वे इसे बहुत अधिक महत्व प्रदान करते हैं। विशेषतः दक्षिण भारत में लोगों का यह मत है कि दैनिक जीवन की गतिविधियों में राहु काल का विचार अत्यन्त आवश्यक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आख़िरकार राहुकाल है क्या और इसका क्या उपयोग है? यदि नहीं, तो आइए जानते हैं इस रहस्यपूर्ण समयावधि के बारे में–जिसे “राहु काल” के नाम से जाना जाता है।

Rahu Kaal क्या है?

क्या आप जानते हैं कि वास्तव में राहुकाल क्या होता है? अगर हम इसे साधारण भाषा में कहें तो यह वह समय होता है जो हर दिन आता है और ज्योतिष के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है। इस समय में राहु का अधिपत्य होता है। इस अवधि में कोई भी महत्वपूर्ण काम नहीं किया जाना चाहिए। अगर इस समय में कोई काम शुरू किया जाता है तो मान्यता है कि उसका सकारात्मक परिणाम नहीं मिलेगा। हालांकि, राहुकाल से पहले ही शुरू हुई गतिविधियों को करते रहने से कोई समस्या नहीं होती है।

Rahu Kaal की गणना कैसे करते हैं?

यहां हमने आपके लिए एक राहु काल कैलक्युलेटर तैयार किया है, जिसके द्वारा आप अपने शहर या गांव के अनुसार राहुकाल का सही समय जान सकते हैं। अगर आप राहु काल की गणना खुद करना चाहते हैं तो निम्नलिखित प्रक्रिया का उपयोग करें-

  1. अपने क्षेत्र में उस दिन के सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जानें।
  2. अब इस समयावधि को 8 बराबर भागों में बाँट लें।
  3. सोमवार को दूसरा, मंगलवार को सातवाँ, बुधवार को पाँचवाँ, गुरुवार को छठा, शुक्रवार को चौथा, शनिवार को तीसरा और रविवार को आठवाँ हिस्सा राहु काल कहलाता है।.

एक उदाहरण के रूप में, सोचिए कि किसी क्षेत्र में हर दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजे होता है और सूर्यास्त का समय शाम 6 बजे होता है। अगर हम ऊपर दिए गए प्रक्रिया का पालन करें, तो हमें हर दिन निम्न समय पर राहुकाल मिलेगा

  1. सोम – प्रातः 7:30 – प्रातः 9:00
  2. मंगल – सांय 3:00 – सायं 4:30
  3. बुध – प्रातः 12:00 – सायं 1:30
  4. बृहस्पति – सायं 1:30 – सायं 2:00
  5. शुक्र – प्रातः 10:30 – प्रातः 12:00
  6. शनि – प्रातः 9:00 – प्रातः 10:30
  7. रवि – सायं 4:30 – सायं 6:00 

यह राहुकाल गणना करने की विधि को समझने के लिए एक उदाहरण है। इसे उपयोग में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि विभिन्न स्थानों में प्रतिदिन सूर्यास्त और सूर्योदय का समय अलग-अलग होता है।

Rahu Kaal के दौरान क्या न करें?

ऐसे कार्य जो महत्वपूर्ण और शुभ माने जाते हैं, उन्हें राहु काल में नहीं करना चाहिए। जो लोग इस सिद्धान्त पर विश्वास रखते हैं, वे इस समय नए कार्य की शुरुआत, विवाह, गृह-प्रवेश, कोई चीज़ खरीदना और व्यापार आदि नहीं करते हैं। हालांकि, जो काम पहले से शुरू हो चुके हों, उनको राहु काल के दौरान जारी रखने से कोई नुकसान नहीं होता।

Astro Guru Ji 

Mayank Agnihotri

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