Sankashti Chaturthi List 2024 Date Time January To December Shubh Muhurat Puha Vidhi And Importance
संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के चौथे दिन मनाई जाती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार चतुर्थी हर महीने में दो बार आती है, जिसे लोग बहुत श्रद्धा से मनाते हैं. संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखकर लोग भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते है.
Sankashti Chaturthi 2024:
संकष्टी चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध त्यौहार है, जिसमें भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणेश जी बुद्धि, बल और विवेक के देवता के रूप में माने जाते हैं और वे अपने भक्तों की सभी समस्याओं और विघ्नों को दूर करते हैं। संकष्टी चतुर्थी का अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाने वाली चतुर्थी’ और इस दिन लोग गणपति की अराधना करके अपने दुःखों से छुटकारा पाने का प्रयास करते हैं। चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करने से बहुत फल मिलता है और लोग इस दिन उपवास रखते हैं। संकष्टी चतुर्थी को साल 2024 में कब और किस तारीख को मनाया जाए.
कब है संकष्टी चतुर्थी ?
संकष्टी चतुर्थी एक महत्वपूर्ण पर्व है जो कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के चौथे दिन मनाया जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार चतुर्थी हर महीने में दो बार आती है और लोग इसे बहुत श्रद्धा से मनाते हैं. इस दिन लोग भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं और संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखते हैं. पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है, जबकि अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणेश की आराधना करने के लिए विशेष दिन माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार माघ माह में पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी बहुत शुभ होती है. यह दिन भारत के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में ज्यादा धूम-धाम से मनाया जाता है.
संकष्टी चतुर्थी के अलग-अलग नाम
इस त्योहार में, भक्त भगवान गणेश की पूजा-अर्चना और उपवास करके अपने जीवन की कठिनाइयों और बुरे समय से मुक्ति प्राप्त करने का आदेश देते हैं. संकष्टी चतुर्थी को अनेक नामों से भी जाना जाता है, जैसे कि संकट हारा और सकट चौथ. यदि यह पर्व मंगलवार को पड़ता है, तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है. अंगारकी चतुर्थी साल में एक बार होती है और इस दिन व्रत करने से जातक को पूरे संकष्टी का लाभ मिलता है. दक्षिण भारत में लोग इस दिन को बहुत उत्साह और उल्लास से मनाते हैं.
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
- संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं
- स्नान कर इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करें.
- इसके बाद वे गणपति की पूजा की शुरुआत करें.
- गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए.
- सबसे पहले आप गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें.
- पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी , धुप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें.
- गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें.
- संकष्टी को भगवान गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं.
2024 में संकष्टी चतुर्थी कब कब है? Sankashti Chaturthi List
- 29 जनवरी 2024 दिन सोमवार को संकष्टी चतुर्थी
- 28 फरवरी 2024 दिन बुधवार को संकष्टी चतुर्थी
- 28 मार्च 2024 दिन गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी
- 27 अप्रैल 2024 दिन शनिवार को संकष्टी चतुर्थी
- 26 मई 2024 दिन रविवार को संकष्टी चतुर्थी
- 25 जून 2024 दिन मंगलवार को अंगारकी चतुर्थी
- 24 जुलाई 2024 दिन बुधवार को संकष्टी चतुर्थी
- 22 अगस्त 2024 दिन गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी
- 21 सितंबर 2024 दिन शनिवार को संकष्टी चतुर्थी
- 20 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को संकष्टी चतुर्थी
- 18 नवंबर 2024 दिन सोमवार को संकष्टी चतुर्थी
- 18 दिसंबर 2024 दिन बुधवार को संकष्टी चतुर्थी
Sankashti Chaturthi का महत्व
संकष्टी के दिन जब गणपति की पूजा की जाती है, तो घर से सभी नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं और शांति की वातावरण बनी रहती है। गणेश जी घर में आकर सभी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन भी बहुत शुभ माने जाते हैं। यह व्रत सूर्योदय के बाद ही संपन्न होता है, जब चंद्रमा दिखाई देता है। पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं।
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